- भारत को संविधान में राज्यों का संघ कहा गया है
- भारत में इकहरी(एकल ) नागरिकता संविधान द्वारा लोगो को प्रदान की गई है
- वर्तमान में भारत में 29 राज्य और 7 संघ शासित प्रदेश है
- भारत की संघात्मक शासन व्यवस्था में केंद्र और राज्य सरकार के बीच शक्ति विभाजन किया गया है जिसका आधार संविधान की सातवीं अनुसूची में वर्णित विषय है और इन्हें तीन सूचियों में बांटा गया है –संघ सूची राज्य सूची समवर्ती सूची ,इसके आलावा अवशिष्ट विषय केंद्र सरकार को सोंपे गए है
- भारत में संघात्मक शासन अपनाते हुए भी एक शक्तिशाली केंद्र की व्यवस्था की गई है इसके पीछे संविधान निर्माताओ का तर्क था कि ऐसा देश की एकता और अखंडता के लिए आवश्यक है
- कई विद्वानों ने भारतीय संघ को अनेक उपमाये दी है इनमे प्रमुख है –भारत एक अर्द्धसंघ ,विचित्र संघ ,सहकारी संघ ,केंद्रीकृत संघ आदि
- भारतीय संघ में राज्यपाल की भूमिका को केंद्र राज्य संबंधो के बीच की कड़ी के रूप में देखा जाता है ,यद्यपि राज्यपाल किसी राज्य में केंद्र का एजेंट होता है और उसका कार्यकाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त रहता है
- वित्त आयोग राज्य व केंद्र सरकार के बीच राजस्व वितरण के लिए सिफारिश करता है इसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रति पांच वर्ष में की जाती है अनुच्छेद280 के अनुसार
- संविधान के भाग 11 में केंद्र और राज्य के बीच संबंधो का वर्णन किया गया है –भाग 11 के अध्याय एक में विधायी संबंध और अध्याय दो में प्रशासनिक संबंधो का वर्णन है
- संविधान के 200 अनुच्छेद के अनुसार राज्यपाल विधानसभा द्वारा पारित किसी विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति लिए आरक्षित रख सकता है
ज्ञानं परमं बलम्
KNOWLEDGE IS POWER KEEP IT IN MIND
Wednesday 17 June 2015
आइये जाने भारत की संघात्मक व्यवस्था को 17/06/2015
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